Anganwadi Employees DA Hike Good News: हाई कोर्ट का बड़ा आदेश ! आंगनबाड़ी की सैलरी में होगी 2 गुना वृद्धि

Anganwadi Employees DA Hike Good News: देशभर की आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। वर्षों से अपने हक और उचित मेहनताना की मांग कर रही इन महिलाओं को आखिरकार न्याय मिल गया है। गुजरात हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि आंगनवाड़ी कर्मचारियों को उनके कार्य और जिम्मेदारी के अनुरूप “सम्मानजनक वेतन” दिया जाए। इस निर्णय से हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद है, वहीं यह फैसला देशभर की आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।

न्यायालय का मानना , सम्मानजनक वेतन हर कर्मचारी का अधिकार

गुजरात हाई कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें माननीय न्यायमूर्ति ए.एस. सुपेहिया और आर.टी. बचहानी शामिल थे , उन्होंने यह माना कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का काम बेहद जिम्मेदार और चुनौतीपूर्ण है। वे गर्भवती महिलाओं, बच्चों और माताओं की देखभाल में अहम भूमिका निभाती हैं। फिर भी उन्हें अब तक बहुत कम मानदेय दिया जा रहा था। अदालत ने कहा कि यह स्थिति संविधान के अनुच्छेद 21 (Right to Live with Dignity) का उल्लंघन है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अब सेविकाओं को 10000 रुपये की जगह 24800 रुपये और सहायिकाओं को 5500 रुपये की जगह 20300 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा , इससे कम भुगतान किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।

पद का नामपुराना मानदेय (₹)नया मानदेय (₹)लागू होने की तिथिअन्य जानकारी
आंगनवाड़ी सेविका10000248001 अप्रैल 2025इससे कम भुगतान किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।
आंगनवाड़ी सहायिका5500203001 अप्रैल 2025पुराने वेतन पर कार्य कर रही कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।

1 अप्रैल 2025 से लागू होगा नया सैलरी

  • अदालत ने आदेश दिया है कि नया वेतनमान 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। साथ ही, पुराने वेतन पर काम कर रही सभी आंगनवाड़ी कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान भी किया जाएगा।
  • इस आदेश से केवल गुजरात की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की नज़रें इस फैसले पर टिकी हैं। लगभग 1 लाख से अधिक आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं इस फैसले से लाभान्वित होंगी।
  • सरकार के लिए यह आदेश वित्तीय रूप से बड़ा निर्णय जरूर है, लेकिन सामाजिक दृष्टि से यह “न्याय और सम्मान” की दिशा में एक बड़ा कदम है। कई महिला संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे महिला सशक्तिकरण का मील का पत्थर बताया है।

महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

यह फैसला सिर्फ वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में महिला कर्मचारियों की भूमिका और सम्मान को भी मान्यता देता है , आंगनवाड़ी सेविकाएं ही वे महिलाएं हैं जो गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारती हैं , अब उन्हें उचित वेतन मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, और वे और अधिक समर्पण के साथ काम कर सकेंगी।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। क्योंकि जब महिलाओं की आय बढ़ती है, तो उसका सीधा लाभ उनके परिवार, बच्चों और शिक्षा पर पड़ता है।

देशभर में असर डाल सकता है गुजरात हाई कोर्ट का फैसला

कानूनी जानकारों का कहना है कि यह फैसला केवल गुजरात तक सीमित नहीं रहेगा। यह अन्य राज्यों में भी Anganwadi Workers Pay Revision के लिए मार्गदर्शक बन सकता है, पहले भी कई बार अलग-अलग राज्यों में आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने उचित वेतन और भत्ते की मांग को लेकर आंदोलन किए थे। अब यह निर्णय उनके संघर्ष को मजबूती देगा और बाकी राज्यों पर भी समान नीति लागू करने का दबाव बनेगा।

यह फैसला आने वाले समय में केंद्रीय स्तर पर एक समान वेतन नीति (Uniform Pay Policy) लाने की दिशा में भी रास्ता खोल सकता है।

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